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श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी मैं "साइबर क्राइम एंड साइबर सेक्योरिटी अवेयरनेस प्रोग्राम
*साइबर क्राइम से बचाव के लिए जरूरी है अलग माइंडसेट*
*- श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी के "साइबर क्राइम एंड साइबर सेक्योरिटी अवेयरनेस प्रोग्राम" में स्पेशल डीजीपी डॉ. वरुण कपूर ने दीं जरूरी जानकारियां*
*इंदौर।* असली दुनिया से मोबाइल की आभासी (वर्चुअल वर्ल्ड) में जाते समय अपने दिमाग को इस तरह ट्रेंड करें कि वो किसी भी पोस्ट पर एकदम से यकीन न करे। क्योंकि आर्टिफिशिल इंटलीजेंस (ए.आई.) के इस दौर में वर्चुअल वर्ल्ड में फेक कंटेंट की संभावना बहुत बढ़ गई है। इसलिए वर्चुअल वर्ल्ड में बिना जाँच-पड़ताल के किसी भी पोस्ट को सच न माने। इस तरह हम साइबर क्राइम से बच सकते हैं।
ये बात गुरुवार दोपहर श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी में साइबर सेक्योरिटी अवेयरनेस प्रोग्राम ‘फेसिंग द साइबर सेक्योरिटी चैलेंजेस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ में स्पेशल डीजीपी डॉ. वरुण कपूर ने कही। सीपी तिवारी ऑडिटोरियम में हुए आयोजन में दिलचस्प अंदाज में जानकारियाँ देते हुए उन्होंने कहा कि अगर तमाम सावधानियों के बावजूद आपके साथ कोई साइबर क्राइम हो जाये तो इसके बारे में सबसे पहले अपने घरवालों को बतायें और जल्द से जल्द पुलिस को इन्फार्म करें तो आपको सही समय पर मदद मिल सकती है। आप लालच में न पड़ें और शॉर्टकट्स अवाइड करें तो भी साइबर क्राइम से सेफ्टी हो सकती है। वर्चुअल वर्ल्ड में कोई भी पोस्ट शेयर करने के पहले अच्छी तरह सोच लें क्योंकि इसके इसके फुटप्रिंट्स मिटाये नहीं जा सकते हैं।
*सबसे बड़ा खतरा है साइबर क्राइम*
डॉ. कपूर ने कहा कि अगर आप वर्चुअल वर्ल्ड में एक्टिव रहना चाहते हैं तो इसके बारे में पूरी जानकारी रखें और किसी पर भी आँख मूंदकर भरोसा न करें क्योंकि कई बार साइबर क्राइम के शिकार भी जाने-अनजाने अपराध के सहभागी बन जाते हैं। इस दौर में साइबर क्राइम सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरा है, क्योंकि इसमें आप सामने वाले को देख नहीं सकते हैं। अगर कोई अनजान नंबर से आपसे संपर्क करने की कोशिश करता है तो उसे अटेंड न करें। कार्यक्रम में सैम्स महासचिव डॉ. महक भंडारी, डीन (स्टूडेंट्स वेलफेयर) डॉ. जयश्री तापड़िया, कुलसचिव डॉ. आनंद मिश्रा और प्रिंसिपल (डेंटल कॉलेज) कांतेश्वरी आई.के. समेत बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स, डॉक्टर्स और फैकल्टीज मौजूद थे।
Some glimpses from the event-











