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श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय में इन्डो-यूके ज्वाइंट कालबरेशन
श्री अरबिंदो संस्थान के साथ में ब्रिटेन स्थित बापियो (ब्रिटिश एसोसिएशन आफ फिजिशियन आफ इंडियन ओरिजन) संस्था द्वारा चिकित्सा जगत में किए जा रहे नवाचारों से बखूबी वाकिफ हूं। इस नाते कह सकता हूं कि इन दोनों संस्थाओं द्वारा श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय में लंदन स्थित यूनिवर्सिटीज के नए कोर्सेस लांच करने से मेडिकल फील्ड की नई ऊंचाइयों को स्पर्श करेगा। ये एक नए युग की शुरुआत हैं।
ये बात आइएएस मोहम्मद सुलेमान ने गुरुवार को श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय में इन्डो-यूके ज्वाइंट कालबरेशन के तहत एनएमसी द्वारा मान्यता प्राप्त पांच नए कोर्स के लांचिंग प्रोग्राम में कहीं। आइएएस - सुदाम खाडे ने कहा कि अरबिंदो - अस्पताल का गांव और दूरदराज के मरीजों तक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित बसों के जरिए पहुंचकर - स्वस्थ बनाने का अभियान अभिनंदनीय है। फाउंडर चेयरमैन डा. विनोद भंडारी ने गांवों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की योजनाओं की जानकारी दी। प्रतिकुलाधिपति डा मोहित भंडारी और डा. महक भंडारी ने उच्च तकनीक के साथ कदमताल करते हुए भविष्य में विश्व की सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के अपने प्रयासों के बारे में बताया। कुलपति डा. ज्योति बिंदल ने
बताया कि विवि ने मप्र में एफआरसीईएम (फेलोशिप आफ रांयल कालेज आफ इमरेंसी मेडिसिन) ट्रेनिंग कोर्स लांच किया था। उसकी सफलता के बाद पांच अन्य विषयों में एमआरसीईएम कोर्स लांच किए जा रहे हैं। 2 प्लस 2 प्रोग्राम के तहत इन कोर्सेस के शुरुआती दो सालों में श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद बाकी दो साल के इंग्लैंड में स्टडी और ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद डिग्री एनएमसी द्वारा मान्यता प्राप्त होगी। इस दौरान बापियो, यूके के अध्यक्ष डा. रमेश मेहता, एनएचएसई, यूके डायरेक्ट्रेट चीफ डा. नवीना इवांस, बीटीए, यूके के कंसल्टेंट एंडोक्रायनोलाजिस्ट प्रो. पराग सिंघल, यूनिवर्सिटी अस्पताल, लीएस्टर के चीफ एक्जीक्यूटिव रिचर्ड मिशेल आदि मौजूद रहे।
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